जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण | जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (Essay on Population Explosion in Hindi)

जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (essay on  population explosion in hindi )

वर्तमान समय में विश्व की जनसँख्या लगभग 770 करोड़ (2020) है जो लगातार बढ़ती जा रही है। और यदि बढ़ती जनसँख्या के रफ़्तार पर रोक न लगायी गयी तो आने वाले समय में सम्पूर्ण संसार को इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे।  बढ़ती जनसँख्या की जरुरतो को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्रतिदिन दोहन हो रहा है। एक ओर जहाँ प्राकृतिक संसाधन सीमित होने के कारण उनमे कमी हो रही है वही दूसरी ओर बढ़ती जनसँख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर भार बढ़ता जा रहा है। इसलिए अगर जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जनसंख्या विस्फोट पर इस निबंध में है जनसँख्या में वृद्धि के कारण और जनसँख्या वृद्धि  को रोकने के उपाय पर विस्तृत चर्चा करेंगे।


जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण निबंध (Jansankhya visfot par nibandh)

जनसँख्या विस्फोट से आशय जनसँख्या में तीव्र वृद्धि से है। विश्व की जनसँख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यूनाइटेड नेशन के अनुमान के अनुसार विश्व की जनसँख्या 2050 तक 973 करोड़ को पार कर जायेगी जो वर्तमान समय में लगभग 770 करोड़ (2020) है। इतनी तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसँख्या प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ मानव जाति के लिए हानिकारक है। बढ़ती जनसँख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधाधुंध दोहन आने वाले समय में न सिर्फ मनुष्य वरन सभी जीवधारियों की विनाशकारी साबित हो सकता है। 

तो अब सवाल इस बात का है कि बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार कौन हैं ? क्या मनुष्यों में संतानोत्पत्ति की इच्छा बढ़ती जनसँख्या के लिए उत्तरदायी है या फिर अशिक्षा,अन्धविश्वास एवं गरीबी? या यह धर्म को बढ़ावा देने के लिए किसी एक धर्म विशेष की बढ़ती जनसँख्या का परिणाम है। 

जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण | जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (Essay on  Population Explosion in Hindi)


जनसँख्या विस्फोट का कारण निबंध (jansankhya visphot ke kya karan hai)

अशिक्षा, अन्धविश्वास एवं गरीबी जनसँख्या विस्फोट के लिए कुछ प्रमुख कारण हैं। प्राचीन काल से ही संतान की उत्पति ईश्वर की इच्छा माना जाता है। अशिक्षित लोग आज भी इसे ईश्वर की इच्छा मानते हैं। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं होती है की उनके संतान के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति कहाँ से होगी। उनका मानना है कि जिस भगवान या अल्लाह ने हमें संतान दी है वे हमारे बच्चों के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि  का भी प्रबंध करेंगे और अगर वे भूखें मरते हैं तो भी वे बोलते हैं यही भगवान या अल्लाह की इच्छा है। यह अशिक्षा एवं अन्धविश्वास नहीं तो और क्या है ? जो जनसंख्या वृद्धि के लिए सर्वाधिक उत्तरदायी हैं। 

कुछ लोगों की मानसिकता यह है कि संतान ही सम्पति है। वे कहते हैं जितने अधिक बच्चे होंगे उतने ही अधिक पैसे कमाएंगे और इस विचार के साथ कई बच्चों को जन्म देते है। प्रायः इस प्रकार की मानसिकता रखने वाले लोग अशिक्षित एवं गरीब होते हैं जिससे अशिक्षा, गरीबी एवं जनसंख्या विस्फोट विकराल रूप धारण करती जा रही है।

कुछ वर्षो पूर्व भारत जैसे बहुत से देशों में एबॉर्शन जैसी सुविधा या इसके लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। जिससे लोग न चाहते हुए भी अधिक संतानों को जन्म दिया। हालाँकि अब यह समस्या लगभग समाप्त हो गयी है। 

कुछ लोगों का यह भी मानना है कि एक धर्म के लोग अपनी जनसँख्या को बढ़ाने के लिए अपने अनुयायिओं को कई संतान पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जिससे उस व्यक्तिगत समुदाय या धर्म की जनसँख्या बढ़ने के साथ - साथ विश्व की जनसँख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है। 


जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय निबंध (Jansankhya vridhi rokne ke upay)

सीमित प्राकृतिक संसाधनों के तुलना में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या वैश्विक चिंता का विषय है। उपरोक्त बिंदुओं से यह स्पष्ट है कि अशिक्षा, अन्धविश्वास, गरीबी, एवं जागरूकता का अभाव जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारण हैं। अतः इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाकर जनसँख्या वृद्धि को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। 

अशिक्षा जो अन्धविश्वास के लिए भी उत्तरदायी है जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारणों में से एक है। शिक्षित वर्ग अपनी एवं अपने परिवार के सदस्यों के जरूरतों को समझता है। वह सिर्फ एक या दो बच्चों के परिवार को उचित समझता है क्योंकि वह  जानता है कि उन्हें अपने दोनो बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति अपने सीमित संसाधनों से ही करना है। और इसीलिए वह अपने बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति आसानी से कर लेता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।

शिक्षित समाज में अन्धविश्वास का स्थान निचले पावदान पर होता है। अगर समाज शिक्षित होगा तो लोग बहुसंतान भगवान की देन न समझकर अपने कर्मो का परिणाम समझेंगे और एक या दो संतान को ही प्राथमिकता देंगे। साथ ही मेरा ऐसा मानना है कि शिक्षित समाज धर्म के बहकावे में आकर अधिक बच्चे पैदा नहीं करेगा। अतः हमें समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित करने की जरूरत है इससे न केवल जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है वरन देश, समाज और प्रकृति सबको समृद्धि के नयी उचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है। 

इसके अलावा परिवार नियोजन, विवाह की आयु में वृद्धि करना, अधिकतम संतान सीमा निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा, उच्च जीवन स्तर का प्रयास के साथ-साथ जागरूकता जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकते हैं। 

जनसँख्या विस्फोट पर निबंध हिंदी में 

उम्मीद है जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण पर यह निबंध जिसमे जनसँख्या विस्फोट के कारण (jansankhya visfot ke karan) एवं जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय (jansankhya vridhi rokne ke upay) पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है, आपको पसंद आया होगा और आपकी परीक्षा के साथ - साथ ज्ञान संवर्धन में भी लाभकारी होगा। 

आप अपना सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में निःसंकोच भेज सकते हैं। आपके सुझाव भविष्य में निबंध लेखन को परिष्कृत करने में सहयोगी होगें। 

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