महात्मा गांधी पर निबंध : प्रसिद्ध नेताओं और श्रेष्ठ व्यक्तित्व पर निबंध लेखन की श्रृंखला में हमने यहां महात्मा गांधी पर एक निबंध लिखा है। महात्मा गाँधी हमारे राष्ट्रपिता हैं और उन्हें हम प्यार से बापू कहकर पुकारते हैं। महात्मा गांधी पर यह निबंध छात्रों के लिए उनकी परीक्षा और प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत सहायक है।
महात्मा गांधी पर निबंध: Mahatma Gandhi essay in Hindi
महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) एक महान देशभक्त एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने सत्य और अहिंसा के विचारों से अभिप्रेरित पथ पर चलकर अदम्य साहस और दृढ़ता के साथ ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान की कमान संभाली। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलनों को प्रोत्साहित किया। यही कारण है कि वर्ष 1948 में उनकी मृत्यु के बाद भी उन्हें आज भी दुनिया में अनगिनत लोगों के द्वारा आदर्श माना जाता है।
महात्मा गांधी का जन्म और प्रारंभिक जीवन: Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान गुजरात के काठियावाड़ के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता करमचंद उत्तमचंद गांधी पोरबंदर के दीवान थे और उनकी मां पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थीं। भारतीय शास्त्रीय कहानियों श्रवण कुमार और राजा हरिश्चंद्र की कहानियों का गांधीजी पर बचपन में बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट के स्थानीय स्कूल से और स्नातक की पढ़ाई अहमदाबाद से पूरी की। बाद में वे कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए और वर्ष 1890 में एक एडवोकेट के रूप में लौटे। 13 साल की उम्र में उनकी शादी कस्तूरबाई माखनजी कपाड़ी (कस्तूरबा) से एक अरेंज मैरिज प्रथा के अनुसार हुई।
स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान: Essay on Gandhiji in Hindi
महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह का प्रथम सफल प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में समाज के उत्पीड़ित वर्ग के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार और भेदभाव के खिलाफ किया। अब उन्होंने देश में अपने लोगों की सेवा करने और भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी दिलाने के विचार से वर्ष 1915 में भारत लौट आए।
उन्होंने वर्ष 1915 में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की जिसे साबरमती आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में साबरमती आश्रम अहमदाबाद के बाहरी इलाके में साबरमती नदी के पास स्थित है। सत्याग्रह आश्रम में उन्होंने खुद को लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य और चोरी न करने की विचार का प्रचार किया।
स्वतंत्रता के लिए भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका: Mahatma Gandhi Essay in Hindi
1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा रॉलेट एक्ट पारित किया जिसके तहत भारतियों के सिविल राइट्स समाप्त हो गये। जिसके विरोध के साथ ही महात्मा गाँधी भारत की सक्रीय राजनीति में आ गए। गांधी जी ने इस अधिनियम का विरोध किया और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया। तब से महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे बने और बाद में कुछ ही वर्षों में वे स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन के निर्विवाद नेता बन गए।
ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी ने मुख्यतः तीन जन आंदोलन शुरू किए; 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन जिसे नमक कानून को तोड़ने के लिए नमक सत्याग्रह या 'दांडी मार्च' के नाम से जाना जाता है और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन नाम से। इन तीन आंदोलनों ने लाखों भारतीयों को एक साथ जोड़कर भारत ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी।
गांधी के प्रमुख हथियार के रूप में अहिंसा और सत्याग्रह: Mahatma Gandhi Nibandh in Hindi
अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांत न केवल स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए मुख्य हथियार के रूप में सफल रहे वरन इन सिद्धांतो ने अनेकों महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए सशक्त और प्रोत्साहित किया। गाँधी जे के नेतृत्व में भारतीयों ने सभी बाधाओं के बावजूद भी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष अनवरत जारी रखा और अंततः अंग्रेजों को एहसास हुआ कि वे अब भारत में नहीं रह सकते हैं और उन्हें 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
गाँधी जी ने अध्यात्म को राजनीति में उतारकर राजनीति को सुधरने की कोशिश की। उन्होंने नफरत और हिंसा से रहित राजनीति को श्रेष्ठ और अधिक मानवीय बनाया। गांधी जी समाज सुधार की दृष्टि वाले एक महान नेता थे जिन्होंने समाज के उत्थान के जीवन पर्यन्त कार्य किया। धर्मनिरपेक्षता के उनके सिद्धांत ने हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। अस्पृश्यता को दूर करने, पिछड़े वर्गों के उत्थान, गाँव के विकास, सामाजिक स्वतंत्रता पर जोर, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग आदि के लिए उनके विचार और कार्यों का हमारे समाज और देश पर बहुत अधिक सकारात्मक प्रभाव रहा है।
30 जनवरी, 1948 को जब गांधी जी शाम की प्रार्थना सभा के लिए जा रहे थे, नाथूराम गोडसे ने गोली मार हत्या कर दी. नाथूराम गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी थे जो मानते थे कि गांधी जी ने भारत के विभाजन के दौरान भारत के मुसलमानों और पाकिस्तान की राजनीतिक मांगों का समर्थन किया था।
उपसंहार: गांधीजी पर निबंध Mahatma Gandhi essay in Hindi
महात्मा गांधी द्वारा भारत की स्वतंत्रता के किये गये अनेक कार्यों के लिए उन्हें 'राष्ट्रपिता' के रूप में मानते हैं और प्यार से हम उन्हें 'बापू' कहते हैं। केवल भारत ही नही अपितु विश्व के अनेक देश महात्मा गाँधी के आदर्शो का सम्मान करते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी को उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को "अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस" मनाकर सम्मानित किया।
Q&A on Mahatma Gandhi in Hindi
प्रश्न: महात्मा गाँधी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई० को हुआ था।
प्रश्न: महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता किसने कहा?
उत्तर: सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया।
प्रश्न: महात्मा गाँधी के कितने बच्चे थे?
उत्तर: महात्मा गाँधी के चार बच्चे थे : हरिलाल, मणिलाल लाल, रामदास और देवदास
प्रश्न: महात्मा गाँधी को किसने मारा था?
उत्तर: महात्मा गाँधी को नाथूराम गोडसे ने मारा था।
प्रश्न: महात्मा गाँधी की मृत्यु कब हुई?
महात्मा गाँधी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को हुई।
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