महावीर प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक कृतियां | Mahavir Prasad Dwivedi Ka Jivan Parichay evm Sahityik Kritiyan

महावीर प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक कृतियां | Mahavir Prasad Dwivedi Ka Jivan Parichay evm Sahityik Kritiyan

जीवन परिचय लेखन की श्रंखला में आज हम देखेंगे हिंदी साहित्यकार महावीर प्रसाद जी का जीवन परिचय। जीवन परिचय के साथ-साथ हम महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के साहित्यिक परिचय और कृतियों पर विस्तृत विवरण का प्रकाश डालेंगे।


महावीर प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय | Mahavir Prasad Ka Jivan Parichay

हिंदी साहित्य के उज्जवल नक्षत्र, युग निर्माता महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का जन्म सन 1864 में ग्राम दौलतपुर, रायबरेली उत्तरप्रदेश में हुआ था। उनके बाल्यकाल में परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी परन्तु उन्होंने कठिन परिश्रम करके अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और रेलवे में नौकरी कर ली। सन 1903 में द्विवेदी जी हिंदी मासिक पत्रिका सरस्वती का संपादन शुरू कर दिया और रेलवे की नौकरी छोड़ दी। सन 1920 तक द्विवेदी जी सरस्वती पत्रिका के सम्पादन के कार्य से जुड़े रहे और हिंदी के उत्थान के लिए कार्य करते रहे। सन 1938 में हिंदी साहित्य महान लेखक द्विवेदी जी इस दुनियाँ को छोड़कर सदा के लिए अमर हो गए।


महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का साहित्यिक परिचय | Mahavir Prasad Ka Sahityik Parichay

महावीर प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्कार होने के साथ साथ हिंदी के पहले व्यवस्थित संपादक, भाषा वैज्ञानिक, वैज्ञानिक चिंतन एवं लेखन के स्थापक, इतिहासकार, पुरातत्ववेत्ता, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, समालोचक और अनुवादक भी थे।  द्विवेदी जी से परिचित होना हिंदी साहित्य के गौरवशाली अध्याय से परिचित होना है। रसज्ञ रंजन, साहित्य-सीकर, साहित्य-सन्दर्भ, अद्भुत आलाप द्विवेदी जी के प्रमुख निबंध हैं। उनकी पुस्तक संपत्तिशास्त्र अर्थशास्त्र से सम्बंधित है। हिंदी काव्य माला उनकी श्रेष्ठ कविताओं का संकलन है। द्विवेदी जी का सम्पूर्ण साहित्य महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली के पंद्रह भागों में प्रकाशित हैं। 

महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने हिंदी गद्य भाषा का परिष्कार किया। उन्होंने हिंदी व्याकरण और वर्तनी के लिए कई नियम स्थिर करने के साथ साथ कविता की भाषा के रूप में ब्रज भाषा के स्थान पर खड़ी बोली को प्रतिष्ठित किया। स्वाधीनता की चेतना विकसित करने के लिए युग निर्माता महावीर प्रसाद द्विवेदी ने स्वदेशी चिंतन को व्यापक बनाया। विद्वता एवं बहुज्ञता के साथ सरसता महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के लेखन की प्रमुख विशेषता है।


महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की साहित्यिक कृतियां | Mahavir Prasad Dwivedi Ji Ki Sahityik Kritiyan

द्विवेदी जी की प्रमुख साहित्यिक कृतियां: रसज्ञ रंजन, साहित्य-सीकर, साहित्य-सन्दर्भ, अद्भुत आलाप, संपत्तिशास्त्र, महिला मोद, आध्यात्मिकी आदि 

महवीर प्रसाद द्विवेदी जी की लेखनी निबंध, संपत्ति शास्त्र, कविता, अध्यात्मिकी इत्यादि सभी क्षेत्रो में चली। रसज्ञ रंजन, साहित्य-सीकर, साहित्य-सन्दर्भ, अद्भुत आलाप आदि द्विवेदी जी के प्रमुख निबंध हैं। उन्होने अर्थशास्त्र से सम्बंधित पुरस्तक संपत्तिशास्त्र लिखी। उनकी पुस्तक महिला मोद महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है। आध्यात्मिकी उनकी दर्शन शास्त्र से सम्बंधित पुस्तक है। द्विवेदी जी की सभी कविताएं द्विवदी काव्य माला में संकलित हैं। 


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