अग्निपथ योजना पर निबंध | Essay on Agnipath Scheme in Hindi

अग्निपथ योजना पर निबंध | Essay on Agnipath Scheme in Hindi

भारत दुनिया का दूसरा सर्वाधिक आबादी वाला देश है जहां कुल आबादी का लगभग 66 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं। इन युवा आबादी में तकनीक, रक्षा, साइबरटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने की पर्याप्त क्षमता है। Read in English: Click Here


अग्निपथ योजना पर निबंध | Agnipath Scheme par Nibandh

भारत की उत्तरी सीमा पर ऊँचे-ऊँचे पर्वतमालाएं हैं। लम्बी ऊँची पहाड़ी सीमा की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर युवा सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है। ऐसे में सरकार सुरक्षा बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई है। हमारे सुरक्षा बलों की रीढ़ के रूप में अग्निवीरों की भर्ती जल्द ही तीनों बलों, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और वायु सेना में की जाएगी। Read in English: Click Here


अग्निपथ योजना क्या है?

सरकार द्वारा तीनों भारतीय सेनाओं यानी भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की है। यह योजना देशभक्त युवा वर्ग को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने का अवसर प्रदान करती है।

अग्निपथ योजना पर निबंध | Essay on Agnipath Scheme in Hindi


अग्निवीर कौन हैं?

अग्निपथ योजना के तहत शामिल होने वाले तीनों सेनाओं के सभी सैनिक को अग्निवीर कहा जाएगा। सभी अग्निवीर 4 साल की अवधि के लिए सेना में काम करेंगे और 4 साल की सेवा के कार्यकाल को पूरा करने के बाद, एक बैच में भर्ती किए गए कुल अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत को उनकी संबंधित सेवाओं में 15 साल की अवधि के लिए वापस भर्ती किया जाएगा। 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु वर्ग के उम्मीदवार अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।

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अग्निवीरों के लिए लाभ:

अग्निवीर के रूप में कार्य कर रहे सैनिकों को प्रतिमाह भुगतान के अतिरिक्त, 4 साल की सेवा पूरी होने पर,  11.71 लाख रुपये का एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान भी किया जाएगा। सेवा निधि पैकेज सरकारी अंशदान एवं मासिक भुगतान के अंशदान से बनाया गया है। इसके अतिरिक्त अग्निवीर को चार साल के लिए 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा। अग्निवीरों की मृत्यु के मामले में, बीमा कवर का भुगतान 1 करोड़  रुपये से अधिक होगा जिसमें असेवित कार्यकाल के लिए वेतन भी शामिल है। जब सैनिक 4 साल पूरे करने के बाद सेवा छोड़ेंगे तो सरकार इन सैनिकों के पुनर्वास में मदद करेगी और उन्हें कौशल प्रमाण पत्र और ब्रिज कोर्स प्रदान करेगी।


अग्निपथ योजना की आवश्यकता क्यों है?

सर्वप्रथम अग्निपथ जैसी योजनाओं की आवश्यकता 1962 के चीन के साथ युद्ध के बाद महसूस की गई थी। अग्निपथ योजना शुरू करने का एक मुख्य कारण हमारे सुरक्षा बल कर्मियों की औसत आयु कम करना है। कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस पर प्रकाश डाला था। चूंकि भारत के पडोसी देश चीन और पाकिस्तान दोनों पहाड़ी सीमाएँ हैं, इसलिए कम आयु वर्ग वाले सुरक्षा बल ऐसे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। प्रौद्योगिकी के इस युग में युद्ध की प्रकृति भी साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध सहित युद्ध के विभिन्न पहलुओं में तेजी से बहु आयामी हो गयी है। रक्षा में उन्नत प्रौद्योगिकीय संचार के साथ, सुरक्षा बलों को भविष्य में हर प्रकार सुरक्षा जरूरतों के लिए तैयार रहने की जरुरत है।

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रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन वर्तमान में आधे से अधिक वार्षिक रक्षा बजट पेंशन के लिए आवंटित किया जाता है जबकि 5% से कम बजट अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए आवंटित किया जाता है। अग्निपथ योजना जिसका उद्देश्य अल्पकालिक अनुबंधों में रक्षा कर्मियों की भर्ती करना है, तीनों सेनाओं यानी सेना, नौसेना और वायु सेना में बढ़ते पेंशन बजट को कम करेगी।


अग्निवीरों की चिंता क्या है ?

जिस उम्र में अग्निवीर बेहतर भविष्य के लिए नौकरी और अवसरों की तैयारी कर सकते हैं, उसी उम्र में अग्निवीर भारतीय सेना में शामिल होंगे। अग्निवीर के रूप में चार वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उनमें से केवल 25 प्रतिशत को ही पुनः नौकरी पर रखा जाएगा और शेष बल पुनः नौकरी विहीन हो जायेंगे। ऐसे में अग्निवीर की नौकरी छोड़ने के बाद अन्य अवसरों को खोजना बहुत कठिन होगा। उनकी प्रमुख चिंता यह है कि चार साल की सेवा का मतलब होगा कि उसके बाद उनके लिए अन्य नौकरियां पहुंच से बाहर हो जाएंगी। अग्निपथ योजना के तहत काम पर रखे गए अग्निपथ को कोई पेंशन लाभ न मिलना भी अग्निवीरों के लिए चिंता का विषय है।


4 साल के बाद अग्निवीरों के लिए सरकार के वादे?

चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार अग्निवीरों को नया काम शुरू करने के लिए बैंक ऋण प्रदान करने में प्राथमिकता देगी। अन्य सेवाओं में भी वरीयता और आरक्षण का प्रस्ताव गैर-प्रतिधारित अग्निवीरों को दिया जाएगा।

इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) ने घोषणा की है कि रक्षा अधिकारियों के परामर्श से एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया जाएगा ताकि अग्निवीर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकें और बारहवीं कक्षा पास करने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें।

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शिक्षा मंत्रालय द्वारा रक्षा कर्मियों की सेवा के लिए तीन वर्षीय कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है जो सशस्त्र बलों में कार्यकाल के दौरान प्राप्त प्रशिक्षण को मान्यता देगा।


अग्निपथ योजना; Way forward

4 वर्ष की सेवा पूरा करने के उपरांत अग्निवीर को मिलने वाली 11 लाख रूपये का सेवा निधि उनके भविष्य को सवारने में मदद करेगा। साथ ही सरकार उन्हें बैंक लोन प्रदान करने में प्राथमिकता देगी जिससे वे कोई व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इस कदम से देश  उद्द्मशीलता के साथ साथ देश के अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा  उन्हें नया व्यवसाय शुरू करने में सहायता के रूप कार्य करेगा।

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